मोतिहारी ।
देश में कोरोना के मामलों में लगातार उछाल देखा जा रहा है . बिहार में भी हाल कुछ ऐसा ही है जहाँ प्रतिदिन कोरोना के मामले लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं . बिहार में फ़ैल रहे संक्रमण में सबसे ज्यादा मामले शहरी क्षेत्रों से आ रहे हैं. इसबार तो कोरोना संक्रमण ने अपनी दस्तक राजनीतिक गलियारे में भी बड़े ही प्रभावी तरीके से दी है , रक्षा मंत्री से लेकर बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री तक संक्रमित हो चुके हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण ना के बराबर है . पिछली लहरों के समान ही इस बार पटना और गया फिर से संक्रमण के मामलों में अव्वल हैं. वहीं पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में भी कोरोना के मामलों में उछाल देखा जा रहा है . सरकार के तमाम कोशिशों के बाद भी जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम दिख रहा है.
कोरोना से बचाव को लेकर सरकार ने गाइडलाइन्स जारी किये हैं लेकिन इन गाइडलाइन्स को अमली जामा पहनाना जिला प्रशासन का कार्य है . पर कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर न तो प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया है और ना ही आम जनता इसको लेकर सजग है . जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं उनका मानना है की कोरोना अब उन तक नहीं पहुँच सकता और वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और शायद प्रशासन भी इसका समर्थन करती ही दिख रही है क्यूंकि सड़क और चौराहों पे लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं लेकिन प्रशासन उनपर कार्यवाही करने के बजाए खुद भी मास्क को लेकर लापरवाही दिखा रही है. चौक चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी ज्यादातर बिना मास्क के ही दिख रहे हैं .
कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही असावधानी पुरे जिले के लिए परेशानी का सबब बन सकती है . केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन्स की अनदेखी मोतिहारी शहर के सार्वजनिक स्थलों पर भी देखी जा सकती है. मोतिहारी रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड और मीना बाज़ार से लेकर बलुआ सब्जी मंडी हर जगह संक्रमण विस्फोट का खतरा लगातार बना हुआ है. प्रशासन लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार कोरोना से बचाव हेतु अनाउंसमेंट तो करा रही है लेकिन जमीनी स्तर पे कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन कराने में असमर्थ दिख रही है .
By - Ashish Kumar
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