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Trump की साजिश को नाकाम करने के लिए साथ आए भारत और जापान; PM Modi का Master Plan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को गुजरात के हंसलपुर में मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कंपनी की पहली मेड-इन-इंडिया बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) ई-विटारा (E-Vitara) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पीएम ने ई-विटारा को झंडी दिखाकर रवाना किया जो 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा जिसमें यूरोप और जापान शामिल हैं। यह घटना न केवल भारत की हरित गतिशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि मेक इन इंडिया (Make in India) पहल को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संकेत भी है। साथ ही यह अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर बढ़ाए गए टैरिफ का एक सीधा और मजबूत जवाब माना जा रहा है।


Make in India: स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का मंत्र
PM Modi ने अपने भाषण में स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा "स्वदेशी हमारा जीवन मंत्र बनना चाहिए। हमें स्वदेशी पर गर्व करना चाहिए"। उन्होंने स्वदेशी की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि निवेश चाहे डॉलर में हो या पाउंड में लेकिन उत्पादन में भारतीयों का पसीना और देश की मिट्टी की खुशबू होनी चाहिए। मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों को मेक इन इंडिया का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए पीएम ने भारत की लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और कुशल कार्यबल को देश की ताकत बताया।
इस उद्घाटन के साथ मारुति सुजुकी ने हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (Hybrid EV) के लिए लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरी सेल्स का उत्पादन भी शुरू किया। पीएम ने बताया कि बैटरी वैल्यू चेन का 80 प्रतिशत से अधिक अब घरेलू स्तर पर निर्मित होगा जो आयात पर निर्भरता कम करेगा।
उन्होंने कहा "आज मेक इन इंडिया के लिए एक महान दिन है क्योंकि देश में बने ई-वाहन 100 देशों में निर्यात किए जाएंगे। दुनिया ई-वाहनों को चलाएगी जो मेड इन इंडिया होंगे"। यह कदम भारत को स्वच्छ ऊर्जा और हरित गतिशीलता में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में है, जो मेक इन इंडिया की प्राथमिकता को रेखांकित करता है।
पीएम ने जापान के साथ साझेदारी पर जोर देते हुए कहा कि जापान भारत के 2047 लक्ष्यों को हासिल करने में विश्वसनीय साझेदार होगा। उन्होंने बताया कि टीडीएसजी (TGDS) की नई पहल के तहत तीन जापानी कंपनियां पहली बार भारत में बैटरी सेल्स का निर्माण करेंगी जो हाइब्रिड ई-वाहनों को गति देगा। इसके अलावा दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों (Rare Earth Metals) की कमी जैसी चुनौतियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा की जो 1,200 से अधिक खोज अभियानों का संचालन करेगा।


अमेरिका के बढ़ते टैरिफ का सीधा जवाब
यह उद्घाटन ऐसे समय हुआ जब अमेरिका ने भारतीय निर्यातों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस कदम से भारत के निर्यात और जीडीपी (GDP) वृद्धि पर असर पड़ सकता है जहां विश्लेषकों का अनुमान है कि जीडीपी में 0.8 प्रतिशत अंकों की कमी आ सकती है। 

पीएम मोदी का यह कदम अमेरिका के टैरिफ गन (Tarrif Gun) का सामना करते हुए एक चुनौतीपूर्ण संकेत है। मेक इन इंडिया पर जोर देकर भारत न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। ई-विटारा का निर्यात 100 देशों में करना दर्शाता है कि भारत आयात पर निर्भर रहने के बजाय 'मेक फॉर द वर्ल्ड' (Make for the World) की नीति अपनाकर व्यापार बाधाओं का मुकाबला कर सकता है। यह अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ आत्मनिर्भरता और निर्यात-उन्मुख अर्थव्यवस्था का प्रत्यक्ष उत्तर है जो International Trade War में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है।


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