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SSC परीक्षा 2025 विवाद: क्या है पूरा मामला?


2025 में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की चयन प्रक्रिया से संबंधित विवादों ने भारत में लाखों युवा उम्मीदवारों और शिक्षकों के बीच आक्रोश पैदा किया है। विशेष रूप से एसएससी चयन पोस्ट फेज-13 परीक्षा (24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक आयोजित) में व्यापक अनियमितताओं, तकनीकी खामियों और कुप्रबंधन के आरोपों ने देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया। 


SSC विवाद 2025: क्या हुआ?

SSC केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ग्रुप 'बी' और 'सी' के पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है। इनमें संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) और संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर (CHSL) जैसी परीक्षाएं शामिल हैं। हालांकि 2025 में चयन पोस्ट फेज-13 परीक्षा के दौरान कई समस्याओं ने उम्मीदवारों का गुस्सा भड़काया।


मुख्य समस्याएं:

1. परीक्षा रद्द करना और सूचना की कमी : कई उम्मीदवारों ने शिकायत की कि वे सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे लेकिन वहां उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के परीक्षा रद्द होने की जानकारी दी गई।

2. तकनीकी खामियां : परीक्षा के दौरान कंप्यूटर क्रैश, बायोमेट्रिक सत्यापन में समस्या, माउस और कीबोर्ड की खराबी, और सर्वर डाउन होने की शिकायतें आम रहीं। कुछ केंद्रों पर स्क्रीन ब्लैंक हो गई जिससे उम्मीदवारों का समय बर्बाद हुआ।

3. परीक्षा केंद्रों की दूरी : उम्मीदवारों को उनके चॉइस सिटी से सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए। उदाहरण के लिए दिल्ली के कुछ उम्मीदवारों को अंडमान और निकोबार या जम्मू-कश्मीर में केंद्र दिए गए।

4. प्रवेश पत्र में देरी : SSC के नियमों के अनुसार प्रवेश पत्र परीक्षा से चार दिन पहले जारी होने चाहिए लेकिन कई उम्मीदवारों को दो दिन पहले तक प्रवेश पत्र नहीं मिले।

5. नए वेंडर पर सवाल : इस वर्ष SSC ने परीक्षा आयोजन के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को हटाकर एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज को नियुक्त किया। उम्मीदवारों और शिक्षकों ने आरोप लगाया कि एडुक्विटी के पास इतने बड़े पैमाने की परीक्षा आयोजित करने का अनुभव और बुनियादी ढांचा नहीं था। इसके अलावा, एडुक्विटी की कथित तौर पर व्यापम घोटाले में संलिप्तता और पहले ब्लैकलिस्ट होने की बात ने विवाद को और बढ़ाया।

6. सुरक्षा कर्मियों का व्यवहार : कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्रों पर बाउंसरों और सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। शिकायत करने वाले छात्रों को कथित तौर पर धमकाया गया या परेशान किया गया।


विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर आक्रोश

इन समस्याओं के कारण जुलाई के अंत और अगस्त 2025 की शुरुआत में दिल्ली के जंतर-मंतर और रामलीला मैदान सहित कई शहरों (पटना, जयपुर, लखनऊ) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। हजारों उम्मीदवारों और शिक्षकों ने '#SSCMisManagement', '#SSCSystemSudharo', और '#JusticeForAspirants' जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी। वायरल वीडियो में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और उनकी गिरफ्तारी की घटनाएं सामने आईं जिसने जनता का गुस्सा और बढ़ाया।

प्रसिद्ध शिक्षक नीतू सिंह और अन्य कोचिंग शिक्षक भी इन विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रहे। नीतू सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "जब शिक्षक छात्रों के हक में आवाज उठाते हैं, तो उन्हें सड़कों से उठाकर थानों तक ले जाया जाता है। क्या सवाल पूछना अब अपराध है?"


SSC और सरकार का जवाब

SSC के अध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन ने इन समस्याओं को स्वीकार किया और तकनीकी खामियों, जैसे कंप्यूटर सिस्टम की विफलता और दूरस्थ केंद्र आवंटन को कुप्रबंधन का परिणाम बताया। उन्होंने निम्नलिखित घोषणा की:

- रि एग्जाम: लगभग 59,500 प्रभावित उम्मीदवारों के लिए 29 अगस्त 2025 को विशेष पुनर्परीक्षा की घोषणा की गई।

- सुधार: एकल वेंडर सिस्टम से बहु-एजेंसी प्रणाली में बदलाव जिसमें प्रश्नपत्र तैयार करने और परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी अलग-अलग एजेंसियों को दी गई। यह बदलाव 2020 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में किया गया।

- आधार सत्यापन और आईटी सुरक्षा: आधार-आधारित सत्यापन और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) की मदद से तकनीकी हैकिंग को रोकने के उपाय किए गए।

- उत्तर कुंजी शुल्क में राहत: गलत प्रश्नों के लिए चुनौती शुल्क (100 रुपये प्रति प्रश्न) को वापस करने की घोषणा।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी प्रभावित उम्मीदवारों को पुनर्परीक्षा का अवसर देने और प्रक्रिया में सुधार का आश्वासन दिया।


उम्मीदवारों की मांगें

प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों और शिक्षकों ने निम्नलिखित मांगें रखीं:

- एडुक्विटी के अनुबंध की समीक्षा या रद्द करना।

- स्वतंत्र जांच और अधिकारियों की जवाबदेही तय करना।

- यात्रा और आवास खर्चों की भरपाई।

- पारदर्शी और गड़बड़ी-मुक्त भर्ती प्रक्रिया।


2025 का SSC विवाद भारत की प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली में गहरी खामियों को उजागर करता है। लाखों युवाओं के भविष्य को आकार देने वाली यह संस्था तब तक अपनी विश्वसनीयता बहाल नहीं कर सकती जब तक कि पारदर्शिता, तकनीकी सुधार और जवाबदेही को प्राथमिकता न दी जाए। सरकार और एसएससी को तत्काल और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि उम्मीदवारों का भरोसा प्राप्त किया जा सके और उनकी मेहनत का उचित सम्मान मिले।


 

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