GST 2.0 के लागू होने के बाद भारत में लगभग 370 वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स दरों में बदलाव हुआ है जिससे आम आदमी के रोजमर्रा के खर्चों में सीधे तौर पर राहत मिली है। कई चीजें सस्ती हो गई हैं जबकि कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर महंगाई बढ़ी है।
क्या-क्या हुआ सस्ता?
• दूध (अल्ट्रा हाई टेम्परेचर), पनीर, छेना, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, रोटी, चपाती, पराठा, कुल्चा और पारंपरिक ब्रेड।
• व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा।
• स्टेशनरी जैसे शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और इरेज़र।
• मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार)।
• घरेलू सामान जैसे साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टेलकम पाउडर, फेस पाउडर और शेविंग क्रीम।
• छोटे इंजन वाली कारें (1200cc से कम) और 350 सीसी से कम की बाइक।
• एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, बड़ी स्क्रीन वाले टीवी।
• सैलून, नाई की दुकान, फिटनेस सेंटर, योग सेवाएं।
क्या-क्या हुआ महंगा?
• तम्बाकू उत्पाद, शराब, पान मसाला - इन पर 40% 'sin tax' लगा है।
• ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग प्लेटफॉर्म पर भी टैक्स रेट बढ़ी है।
• पेट्रोलियम उत्पादों पर GST स्लैब को बढ़ाया नहीं गया, लेकिन ये अब भी महंगे रहेंगे क्योंकि GST के दायरे में नहीं आए।
• हीरे और कीमती पत्थरों जैसी लक्ज़री चीजें हाई टैक्स दर के दायरे में हैं।
• लग्जरी कारें और SUVs पर पहले से ज्यादा टैक्स लगेगा (हालांकि सेस हट जाने से कुछ राहत भी है)।
टैक्स स्लैब में क्या बदलाव?
• पुराने चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को सिमित कर दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) कर दिए गए हैं।
• 12% और 28% स्लैब को खत्म करते हुए चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर ही 40% 'sin tax' लगाया गया है।
किसे हुआ असली फायदा?
• रोजाना इस्तेमाल में आने वाली जरूरी वस्तुएं सस्ती होने से आम नागरिकों की खर्च बचत होगी।
• छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए टैक्स अप्रूवल और अनुपालन प्रक्रिया आसान हो गई है।
• त्योहारों के मौसम में बाजार में मांग बढ़ सकती है जिससे अर्थव्यवस्था को सकारात्मक बढ़ोतरी मिलेगी।
GST 2.0 सुधार भारत के टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने की दिशा में प्रभावी कदम है।
Keywords: GST 2.0, GST, GST REFORMS, NARENDRA MODI, FINANCE, ECONOMY

0 Comments