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इसरो जीएसएलवी एफ-10 मिशन की असफलता पर माधवन नायर हुए हैरान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से जीएसएलवी एफ-10 रॉकेट को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह इओए-03 के साथ निर्धारित समय के अनुसार 5:43 बजे लांच किया। किंतु मिशन असफल रहा।

पहले और दूसरे चरण का प्रदर्शन सामान्य रहा। हालांकि "क्रायोजेनिक स्टेज इग्निशन", तकनीकी विसंगति के कारण नहीं हो पाया। जैसा कि इरादा था मिशन को पूरा नहीं किया जा सका, अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया।

इस पर जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व अध्यक्ष, माधवन नायर ने हैरानी जताई, लेकिन साथ ही कहा कि इसरो वापसी करने में सक्षम है।
नायर ने इसरो अध्यक्ष के रूप में 2003 से 6 साल के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशन पूरे किए थे।
उन्होंने संकेत दिया कि इस तरह के झटके असामान्य नहीं है और उन्होंने कहा कि इसरो को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।यह एक बहुत ही जटिल मिशन है। आमतौर पर अन्य सभी रॉकेट प्रणोदन की तुलना में क्रायोजेनिक चरण सबसे कठिन होता है, श्री नायर ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया।

उन्होंने कहा कि इसरो ने पिछले कुछ वर्षों में क्रायोजेनिक तकनीक में महारत हासिल कर ली है और इस मामले में भारत का पुराना रिकॉर्ड यूरोपीय देशों और उसकी तुलना में उतना खराब नहीं है।

माधवन ने कहा, "क्रायोजेनिक चरण का यह आठवां प्रक्षेपण है। पहले प्रशिक्षण में समस्या थी। इसके बाद अन्य सभी प्रक्षेपण सटीकता के साथ सफल रहे। ऐसी किसी भी जटिल प्रणाली में विफलता की एक सीमित संभावना है। हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। लेकिन साथ ही हमें मूल कारण जाना चाहिए और उसे दुरुस्त करना चाहिए ताकि ऐसा फिर नहीं हो।



By : Aastha Rani

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