सवालों से घिरा अग्निपथ योजना
केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया। इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में भर्ती किया जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद योजना में नियमित सेवा के लिए 25 प्रतिशत सैनिकों को बनाए रखने का प्रावधान है।
सरकारी सूत्रों के मुताबित अग्निपथ योजना के तहत सेना की रेजिमेंट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है और इसके लागू होने के पहले वर्ष में भर्ती कर्मियों की संख्या सशस्त्रों बलों की केवल तीन प्रतिशत होगी।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में बड़ी संख्या में युवाओं की चार साल के लिए भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत उन लोगों को देश की रक्षा करने का अवसर मिलेगा जो रक्षा सेवा में जाना चाहते हैं।
चार साल पूरा होने के बाद अग्निवीर सेना में स्थायी नौकरी के लिए आवेदन पर उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर उन्हें स्थायी करने पर विचार करेंगे । 25% अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा।
सेना से रिटायर होने वाले 75% ऐसे अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपये की सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा उनको मिले कौशल प्रमाणपत्र और बैंक लोन के जरिये उन्हें दूसरी नौकरी शुरू करने में मदद की जाएगी।
क्या होगा सेवानिवृत्ति बाद अग्निवीरों का भविष्य?
10वीं पास जो युवा अग्निवीर के रूप में बहाल होंगे, उन्हें 4 साल बाद रिटायर होने पर 12वीं पास के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसके लिए NIOS और एजुकेशन मिनिस्ट्री मिलकर प्रोग्राम तैयार कर रहे हैं। उन्हें इस प्रोग्राम से गुजरना होगा और फिर उन्हें 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
ऐसे में जो युवा आगे की पढ़ाई करना चाहेंगे, वे 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट के आधार पर आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन ले पाएंगे। कुछ ब्रिजिंग कोर्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जो युवा नौकरी पाने के इच्छुक होंगे, उन्हें सीएपीएफ (CAPF) और राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का कहना है कि अन्य क्षेत्रों में भी उनके लिए रास्ते खोले जाएंगे।
क्या पेंशन खर्च को घटाने के लिए यह योजना शुरू की गई है?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सेना को बचत के नजरिए से नहीं देखती है। सेना के लिए तो सरकार ज्यादा खर्च करने को तैयार है।
By - Ankita Kumari
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