मोतिहारी।
पूरी दुनिया के लिए महामारी के साथ पर्यावरण प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस दिशा में एक सूक्ष्म अभियान पूर्वी चंपारण जिला में पिछले एक साल से पर्यावरण को बचाने के लिए चलाया चलाया जा रहा है। 'गार्जियन ऑफ चंपारण' नाम से इस अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई है। उनका मानना है कि अगर हम पेड़ को संरक्षित करेंगे, तभी हमारा पर्यावरण भी संरक्षित होगा।
'गार्जियन ऑफ चंपारण' अभियान में लगभग 50 वर्ष से ऊपर के पुराने वृक्षों की गणना एवं पहचान की जा रही है और इसके तहत अब तक दो ऐप का निर्माण करते हुए 60,000 पुराने वृक्षों की ऑनरशिप हो चुकी है। अभियान में वृक्ष संरक्षण मंडल के सदस्य वृक्षों के आसपास के ग्रामीण होते हैं जो वृक्ष रक्षा की शपथ लेते हैं।
सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के द्वारा आम जनता की वृक्ष के प्रति सहभागिता एवं अपनापन सुरक्षित एवं सुनिश्चित की गई है। वृक्षों की साफ-सफाई, जड़ों में मिट्टी भराई, कीट नियंत्रण, पानी की व्यवस्था जैसे आवश्यक कार्य किए गए हैं। अत्यंत प्राचीन वृक्षों के धरोहर मानते हुए बोर्ड सहित चबूतरा निर्माण किया गया है। सामाजिक समानता हेतु वृक्षों के पास रक्षाबंधन, गोद भराई, दीपोत्सव इत्यादि सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। स्कूली छात्रों के वृक्षों के प्रति लगाव एवं अपनापन बढ़ाने के लिए वृक्ष पाठशाला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सभी को मिलकर शपथ लेने की आवश्यकता हैं की पर्यावरण की रक्षा करेंगे और पेड़ लगाएंगे तथा उसकी सुरक्षा करेंगे।
इस परियोजना में जिला प्रशासन के साथ महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के विद्यार्थी विकास कुमार, तान्या सिंह, पूजा कुमारी, अमर्त्य, अंकित भी अभियान को गति प्रदान कर रहे हैं। जिला प्रशासन के डीआरडी राकेश रंजन, डीपीयू अमित उपाध्याय, पियो नवीन द्विवेदी तथा अन्य जिला प्रशासन के लोगों की भूमिका भी सराहनीय है।
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