सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. यह याचिका चेन्नई निवासी एक वकील ने दायर की है. डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. इसके बाद डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी. दोनों नेताओं के इन बयानों से बीजेपी उन पर पूरी तरह से हमलावर है.
वहीं चेन्नई के वकील ने अपनी याचिका में उदयनिधि और ए राजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. कहा गया है कि डीएमके नेताओं को ऐसे बयान देने से रोका जाना चाहिए. साथ ही तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक घोषित किया जाए. याचिका में कहा गया है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या ऐसे लोगों को सीमा पार से फंडिंग हो रही है. इन नेताओं के लिट्टे से कनेक्शन की भी जांच होनी चाहिए.
याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. चीफ जस्टिस ने कहा कि सुनवाई के लिए तय प्रक्रिया का पालन करें. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बयान से देश का सियासी माहौल गरमा गया है. डीएमके नेताओं द्वारा दिए जा रहे ऐसे बयानों ने बीजेपी को डीएमके के साथ-साथ आई.एन.डी.आई.ए. का भी विरोध करने पर मजबूर कर दिया है। गठबंधन को भी घेरने का मौका मिल गया है.
तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीज़ों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें ख़त्म करना पड़ता है। जैसे डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध करना संभव नहीं है, लेकिन इसे ख़त्म कर दिया गया है। उसी प्रकार हमें सनातन को भी नष्ट करना है। हाल ही में उन्होंने बीजेपी को 'जहरीला सांप' तक कह दिया था.
दूसरी ओर, डीएमके सांसद ए राजा तो उदयनिधि से भी दो कदम आगे निकल गये. उन्होंने कहा कि उदयनिधि सनातन पर नरम हैं. ए राजा ने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक कलंक वाली बीमारी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसी सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए। इस बयान के चलते उन पर पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
0 Comments