एडिटोरियल
आजकल देश में सबसे ज्यादा चर्चा किसी की हो रही है तो वह है सीबीआई और ईडी, और हो भी क्यों नहीं सभी बड़ी पार्टियों के बड़े नेता आज इनके शिकंजे में हैं । हाल ही में सीबीआई ने आरजेडी के दिग्गज नेता अशफाक करीम और फयाज अहमद के घर छापेमारी की है , तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी कार्रवाई चल रही है। एक तरफ ईडी की कार्रवाई में राहुल और सोनिया गांधी से लेकर संजय रावत तक शामिल है ।
तो चलिए जानते हैं आखिर क्या ईडी और सीबीआई
ईडी:-
ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय, 1 मई 1956 को विदेश मुद्रा विनियम अधिनियम 1947 के तहत विनिमय मत नियंत्रण कानूनों के उल्लंघन से निपटने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग में एक परिवर्तन इकाई का गठन किया गया था , 1957 में परिवर्तन इकाई का नाम बदलकर प्रवर्तन निदेशालय कर दिया गया इसका प्रशासनिक नियंत्रण वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले राजस्व विभाग के पास है ।
प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 और आर्थिक अपराध करके विदेश भाग जाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए 2018 में सरकार फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर एक्ट, 2018 (FEOA) लेकर आई। 21 अप्रैल 2018 से ईडी को इस कानून के तरह कार्रवाई करने का भी अधिकार मिला।
CBI केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो’:
भ्रष्टाचार की रोकथाम पर संथानम समिति 19612 1964 द्वारा इसकी स्थापना की सिफारिश की गई फिर वर्ष 1963 में गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव द्वारा की गई ।
इसके अधिकार एवं कार्य दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन अधिनियम (Delhi Special Police Establishment Act), 1946 से परिभाषित हैं ।
सीबीआई भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक प्रमुख अन्वेषण पुलिस एजेंसी है। यह एक बहुआयामी, बहु-अनुशासनात्मक केंद्रीय पुलिस, क्षमता, विश्वसनीयता और विधि शासनादेश का पालन करते हुए जाँच करने वाली एक विधि प्रवर्तन एजेंसी है और यह भारत में कहीं भी अपराधों का अभियोजन करती है।
आरोप :
जैसे की यह केंद्र सरकार की प्रमुख जाँच एजेंसी है। तो इस पर आरोप लगते रहता है कि केंद्र सरकार अपने विपक्षी पार्टियों को चुप कराने के लिए और उनके खिलाफ जो लोग बोलते हैं उनको चुप कराने के लिए सीबीआई का प्रयोग करती है ।
जैसे कि हाल ही केंद्र में बैठी बीजेपी की जब सरकार बिहार में गिरी तब आरजेडी के मंत्रियों के ऊपर सीबीआई और ईडी का शिकंजा बढ़ गया और उनके घर छापेमारी होने लगी ।
ED और CBI मे क्या अंतर
ED को जांच के लिए राज्य की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती जबकि, CBI को होती है।
ईडी एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों पर कार्रवाई करती है। वहीं, सीबीआई एक बहुआयामी, बहु-अनुशासनात्मक केंद्रीय पुलिस, क्षमता, विश्वसनीयता और विधि शासनादेश का पालन करते हुए जांच करने वाली एक विधि प्रवर्तन एजेंसी है।
By : Prabha Dwivedi
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