ऐसे हाई प्रोफाइल अपराधियों के क़ाफ़िले के साथ मीडिया की इजाज़त नहीं होनी चाहिए. कल को कोई गैंगस्टर, मीडिया का रूप लेकर उस अपराधी को गोली मार सकता हैं.
15 अप्रैल की रात अतीक और उसके भाई की गोली मार कर हत्या कर दी गई. हत्या की खबर आने के बाद तजिंदर के ट्वीट के स्क्रीनशॉट्स वायरल हो रहे हैं. तजिंदर ने खुद भी अपने ही ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा कि उन्होंने तो पहले ही ऐसी आशंका जताई थी. अतीक की हत्या के बाद तजिंदर ने लिखा-
मैंने पहले ही चेतावनी दे दी थी. अगली बार गैंगस्टर्स के साथ मीडिया को इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
अतीक और उसके भाई की हत्या तब हुई, जब दो दिन पहले ही उसके बेटे की झांसी में एक कथित एनकाउंटर के दौरान मौत हुई थी. यूपी पुलिस ने दावा किया था कि झांसी में असद और उसके सहयोगी गुलाम को एनकाउंटर में मार दिया गया.
उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी यूपी पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी. प्रयागराज पुलिस दोनों को कौशांबी के पुरामुफ्ती थाने लेकर गई थी. उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा हुई थी. 28 मार्च को कोर्ट ने उसके भाई अशरफ अहमद सहित सात आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया था.
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