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व्यक्ति विशेष: लेडी सचिन के नाम से मशहूर क्रिकेटर मिताली राज के शून्य से शिखर तक का रोमांचक सफर !

मिताली राज, भारत की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक, जो न केवल भारतीय महिला क्रिकेट टीम को नई ऊंचाइयों तक लेकर गई बल्कि कई लड़कियां जो क्रिकेट खेलना चाहती है उनके लिए प्रेरणास्त्रोत भी बनी।

*प्रारंभिक जीवन*

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कैप्टन मिताली राज का जन्म 3 दिसंबर 1983 को जोधपुर राजस्थान में हुआ था। 
उनका पूरा नाम मिताली दोराई राज है।
उन्होंने हैदराबाद की कीज हाई स्कूल फॉर गर्ल्स में पढ़ाई की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए सिकंदराबाद के कस्तूरबा गांधी जूनियर कॉलेज फॉर वूमेन में दाखिला लिया।
स्कूल के दिनों में अपने बड़े भाई के साथ उन्होंने क्रिकेट की कोचिंग भी शुरू की थी।
मिताली ने 10 साल की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था।
शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें डांस करना बहुत पसंद है और वह इसके प्रति गहरी जुनूनी थी।लेकिन क्रिकेट की वजह से वह अपने डांस क्लास पर ध्यान नहीं दे पा रही थी और अपने गुरु के कहने पर उन्होंने नृत्य के बजाय क्रिकेट को चुना अपने करियर के लिए।

*सफलता की कहानी*

उनकी अपार प्रतिभा के कारण 14 साल की उम्र में 1997 में महिला क्रिकेट विश्व कप में शामिल होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि वह फाइनल कट में जगह बनाने में नाकाम रही।
फिर 2 साल बाद 1999 में मिल्टन कींस में आयरलैंड के खिलाफ उन्होंने अपना पहला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। और इस डेब्यू की सबसे प्रभावशाली बात यह थी कि राज ने इस में नाबाद 114 रन बनाया।
इसके बाद भारत के लखनऊ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2001-02 के सत्र में ही टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई मिताली जब प्रथम बार अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच में शामिल हुई तो बिना रन बनाए जीरो पर आउट हो गई।
उस सीजन में 17 अगस्त को राज ने महिला टेस्ट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। अपने तीसरे टेस्ट में खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 2014 का विशाल स्कोर बनाया। इस प्रकार उन्होंने करेल रोल्टन के 209* के विश्व के सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
मिताली ने महिला विश्व कप 2005 में भारतीय महिला टीम की कप्तानी की। उन्होंने 2010, 2011 एवं 2012 में आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

*उपलब्धियां*
१) 1999 में, उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय डेब्यू में 114 नाबाद रन बनाए।
२) 2005 में उन्होंने विश्व कप फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया। दुर्भाग्य से वे फाइनल  में ऑस्ट्रेलिया से हार गए।
३) वह विश्व कप मैच में एक भारतीय महिला क्रिकेटर द्वारा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकॉर्ड रखती है। उन्होंने 2005 में महिला विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 104 गेंदों में 91 रन बनाए।
४) मिताली को महिला विश्व कप 2013 में ओडीआई चार्ट में विश्व की नंबर वन क्रिकेटर का दर्जा दिया गया था।
५) वह 2017 में महिला वनडे में 6000 रन बनाने वाली पहली खिलाड़ी बनी।
६) बाद में 2017 में उन्हें आईसीसी महिला ओडीआई टीम ऑफ द ईयर में रखा गया।
७) उनके बनाए गए कई रिकॉर्ड्स में से एक यह भी है कि वह एक टीम के लिए लगातार सबसे अधिक महिला ओडीआई खेला है।
८) मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है जिन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं।
९) राज एकमात्र खिलाड़ी (पुरुष या महिला) है जिन्होंने एक से अधिक आईसीसी ओडीआई विश्व कप फाइनल में भारत का नेतृत्व किया है जो 2005 और 2017 में दो बार हुआ था।

*खेल शैली*

एक दाएं हाथ के बल्लेबाज मिताली राज देश में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी विशेषज्ञों में से एक के रूप में उभरी हैं। क्रीज पर खेलते समय उनका संयम और धैर्य है जो उन्हें इतना निपुण बनाता है।

वह तेज अंदाज में रन बनाने की क्षमता रखती है, जिससे वह खतरनाक बल्लेबाज बन जाती हैं।
इसके अलावा जब टीम को उनकी जरूरत हो तो वह साझेदारी बना सकती है या तेज-तर्रार पारी खेल सकती है।
बल्ले के साथ उनकी क्षमता के अलावा लेग स्पिनरों की गेंदबाजी पर कुछ हाथ भी लगा सकती है। जिससे किसी भी आक्रमण को गहराई मिलती है।
वास्तव में मिताली राज के पास वुमन ओडीआई और टी-20 दोनों में भारत के लिए सबसे अधिक मैचों में कप्तानी करने का अनूठा रिकॉर्ड है।

*पुरस्कार और सम्मान*

१) 2003 में अर्जुन अवार्ड
२) 2015 में पद्मश्री
३) 2017 में यूथ स्पोर्ट्स आईकॉन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड
४) 2017 में बोगियों स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर
५) 2017 में  बीसीसी100 वुमन लिस्ट 2017.

इसके अलावा मिताली राज को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का लेडी सचिन भी कहा जाता है।

हालांकि अपने एक इंटरव्यू में इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
“मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं  लेडी सचिन (तेंदुलकर) होने के कारण थक गई हूं, लेकिन मैं महिला क्रिकेट की मिताली राज के रूप में जानी जानी चाहूंगी।  मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में,  हर कोई उस तारीफ को पसंद करेगा क्योंकि हर कोई उनकी ओर देखता है कि उन्होंने क्या हासिल किया है और अभी तक कोई भी उनके करीब नहीं आया है।  जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो मैं कभी भी लेडी सचिन के रूप में नहीं जाना चाहती थी।  मैं खेल में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थी।  और मैं चाहती हूं कि लोग मुझे मिताली राज के नाम से जानें।"
बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में इंटरव्यू के दौरान, एक पत्रकार ने मिताली से पूछा कि आपका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि कहा "क्या आप यही सवाल किसी पुरुष क्रिकेटर से पूछेंगे। क्या आप उनसे पूछेंगे कि उनकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है।इतना ही नहीं मिताली ने कहा कि अक्सर हमसे यही सवाल किया जाता है, जबकि मुझसे यह पूछा जाना चाहिए कि आपका पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है।" मिताली के इस जवाब से वहां मौजूद लोग काफी प्रभावित हुए। 
बहरहाल, मिताली ने कहा कि पुरुष क्रिकेटरों ने कुछ मानदंड तय कर रखे हैं, जहां महिला क्रिकेटरों को पहुंचना है। मेरी कोशिश हमेशा से रहती है कि हम भी उस स्तर तक पहुंचे सकें और हमारा क्रिकेट भी उसी स्तर तक पहुंचे।

*मिताली राज की बायोपिक जल्द ही बड़े पर्दे पर*

साल 2019 में मिताली राज के जन्मदिन पर उनकी आने वाली बायोपिक "शाबाश मिट्ठू" की घोषणा की गई थी।
फिल्म का नाम शाबाश मिट्ठू इसलिए चुना गया क्योंकि मिताली को घर के लोग प्यार से मिट्ठू कहते हैं।
फिल्म में बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू मिताली राज के किरदार में नजर आएंगी।
हालांकि यह फिल्म 5 फरवरी 2021 को ही बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसकी शूटिंग टल गई, जिसकी वजह से यह फिल्म निर्धारित समय पर रिलीज नहीं हो पाई।
मिताली राज की आने वाली फिल्म लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा।

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