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स्वतंत्रता संग्राम में भोजपुरी समाज के योगदान पर होगी संगोष्ठी




भोजपुरी साहित्य में स्वतंत्रता आन्दोलन पर विमर्श सत्र एवं कविगोष्ठी भी होगी आयोजित



मोतिहारी। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं सामाजिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन संस्थान के सहयोग से संस्कार भारती, बिहार द्वारा एम एस कॉलेज, मोतिहारी के सभागार में आगामी 29 जुलाई, 2023 को संगोष्ठी और कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आजादी की लड़ाई में भोजपुरीभाषी क्षेत्र के योगदान पर केंद्रित होगा।


आयोजन की तैयारी को अंतिम रुप देने के लिए संघ-कार्यालय में आयोजक मंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गयी और विभिन्न कार्यो की समीक्षा भी हुई। 


संगोष्ठी के संरक्षक डॉ. परमात्मा कुमार ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में भोजपुरी समाज का अद्भुत योगदान है। देश में स्वतंत्रता का बिगुल बजाने में भोजपुर से प्रमुख नाम 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक वीर कुँवर सिंह थे। चंपारण सत्याग्रह और पंडित राजकुमार शुक्ल का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में स्मरणीय है। संगोष्ठी में भोजपुरी क्षेत्र के ऐसे अनेक ज्ञात और अज्ञात योद्धा का स्मरण और उनके योगदान की चर्चा होगी, जिनका स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका रही। 


 आयोजक मंडल के प्रमुख सदस्य मोतिहारी नगर निगम के उप-मेयर डॉ. लाल बाबू प्रसाद ने कहा कि संगोष्ठी का विधिवत् उद्घाटन के पश्चात् पहला सत्र 'स्वतंत्रता आन्दोलन में भोजपुरिया समाज के भूमिका' विषय पर और दूसरा सत्र 'भोजपुरी साहित्य में स्वतंत्रता आन्दोलन' विषय पर केंद्रित होगा। तीसरे और अंतिम सत्र में कविगोष्ठी होगी। उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमार नूतन होंगी। अध्यक्षता मुंशी सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार करेंगे। मुख्य वक्ता के रूप में लंगट सिंह महाविद्यालय के भोजपुरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जयकांत सिंह 'जय' का व्याख्यान होगा। उद्घाटन एवं द्वितीय सत्र में विशिष्ट वक्ताओं का सम्बोधन होगा जिसमें से वरीय साहित्यकार डॉ. ब्रजभूषण मिश्र, सामाजिक कार्यकर्ता श्री राणा प्रताप जी, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप- निदेशक श्री सुनील कुमार पाठक एवं विदेश भाषा विश्वविद्यालय चीन में एसोसिएट प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी प्रमुख हैं। 


डॉ. प्रसाद ने बताया कि द्वितीय सत्र के उपरांत कवि गोष्ठी आयोजित होगी जिसमें वरिष्ठ कवि सत्येंद्र गोविंद, डॉ. मधुबाला सिन्हा, गुलरेज शहजाद, धनुषधारी कुशवाहा, कलीमुल्लाह कलीम, डॉ. हरिंदर हिमकर, राविकेश कुमार, नकुल कुमार आमंत्रित है।

संगोष्ठी में शामिल शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों को सहभागिता प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।


कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए बैठक में श्री श्याम सुंदर राम, डॉ. विनय कुमार सिंह, आलोक चन्द्र (एडवोकेट), नवीन कुमार पांडेय, गुलरेज शहजाद, नकुल कुमार, अनिकेत राज सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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