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इज़राइल-हमास: कौन हैं हूती और क्यों हो रहा ईरान से संघर्ष ?

 


मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है जिसमें इज़राइल-हमास युद्ध और इज़राइल के साथ हूती विद्रोहियों तथा ईरान के बीच तनाव विशेष रूप से चर्चा का विषय बने हुए हैं। ये संघर्ष न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। 


इज़राइल-हमास युद्ध

इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष दशकों पुराना है जिसकी जड़ें इज़राइल-फिलिस्तीन विवाद में निहित हैं। हमास जो कि गाजा पट्टी में एक प्रमुख फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह है 1987 में स्थापित हुआ और तब से इज़राइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल रहा है। इस युद्ध का नवीनतम दौर 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ जब हमास ने इज़राइल पर एक भयंकर हमला किया जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और कई बंधक बनाए गए। जवाब में इज़राइल ने गाजा पट्टी पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया जिसके परिणामस्वरूप हजारों नागरिकों की मौत हुई और गाजा में व्यापक विनाश हुआ।

इस युद्ध के मूल में कई मुद्दे हैं जिनमें फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इज़राइली कब्जा, गाजा की नाकाबंदी और यरुशलम में पवित्र स्थलों पर नियंत्रण जैसे सवाल शामिल हैं। हमास इज़राइल को एक कब्जाकर्ता शक्ति के रूप में देखता है जबकि इज़राइल हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा है। इस संघर्ष ने मानवीय संकट को जन्म दिया है जिसमें गाजा में भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी हो गई है।


इज़राइल बनाम हूती विद्रोही

इज़राइल-हमास युद्ध के समानांतर इज़राइल को यमन के हूती विद्रोहियों के साथ बढ़ते तनाव का सामना करना पड़ रहा है। हूती जो यमन में एक शिया विद्रोही समूह है, ने हाल के वर्षों में इज़राइल के खिलाफ अपनी गतिविधियों को तेज किया है। हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में इज़राइल से जुड़े जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं जिसे वे "फिलिस्तीनी कारण" के समर्थन में बताते हैं। ये हमले वैश्विक व्यापार मार्गों विशेष रूप से लाल सागर के माध्यम से होने वाले शिपिंग पर प्रभाव डाल रहे हैं।

हूती विद्रोहियों का इज़राइल के खिलाफ रुख उनके ईरान के साथ संबंध से प्रभावित है। ईरान हूती विद्रोहियों को हथियार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करता है जिससे हूती एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभरे हैं। इज़राइल के लिए हूती हमले न केवल एक सुरक्षा खतरा हैं बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि क्षेत्र में ईरान का प्रभाव बढ़ रहा है।


ईरान का प्रभाव और इज़राइल-ईरान तनाव

ईरान मध्य पूर्व में इज़राइल का प्रमुख विरोधी रहा है। वह न केवल हूती विद्रोहियों को समर्थन देता है बल्कि लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में विभिन्न शिया मिलिशिया को भी सहायता प्रदान करता है। इज़राइल इन समूहों को अपने लिए खतरे के रूप में देखता है और अक्सर सीरिया और अन्य क्षेत्रों में ईरान से जुड़े ठिकानों पर हवाई हमले करता है।

इज़राइल-हमास युद्ध ने ईरान के लिए एक अवसर पैदा किया है जिसके तहत वह अपने क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हमास और हूती दोनों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और ये समूह इज़राइल के खिलाफ एक सामान्य मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यह एक जटिल प्रयास है क्योंकि हमास एक सुन्नी संगठन है जबकि हूती और ईरान शिया विचारधारा से प्रेरित हैं। फिर भी, इज़राइल के खिलाफ साझा दुश्मनी ने इन समूहों को एकजुट किया है।


क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव

इन संघर्षों का प्रभाव केवल मध्य पूर्व तक सीमित नहीं है। लाल सागर में हूती हमलों ने वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है जिसके कारण शिपिंग लागत बढ़ी है और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। इसके अलावा इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध की आशंका को बढ़ाता है जिसमें सऊदी अरब, अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियां शामिल हो सकती हैं।

मानवीय दृष्टिकोण से गाजा में चल रहे युद्ध ने लाखों लोगों को विस्थापित किया है और क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा दिया है। हूती विद्रोहियों के हमलों ने यमन में पहले से मौजूद मानवीय संकट को और गंभीर किया है जहां लाखों लोग भुखमरी और गरीबी का सामना कर रहे हैं।


इज़राइल-हमास युद्ध और इज़राइल के हूती विद्रोहियों व ईरान के साथ तनाव एक जटिल और परस्पर जुड़े हुए क्षेत्रीय संकट का हिस्सा हैं। ये संघर्ष न केवल स्थानीय स्तर पर विनाशकारी हैं बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी खतरा हैं। इन मुद्दों का समाधान करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और मानवीय सहायता की आवश्यकता है। हालांकि क्षेत्र में गहरे ऐतिहासिक और राजनीतिक मतभेदों को देखते हुए शांति की राह लंबी और चुनौतीपूर्ण होगी।


Keywords: Israel, Hamas, Jews, Iran, Gaza Strip, Palestine 

Photo Credit : Vocal Media (via Google Images)


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