मोतिहारी ।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस उपलक्ष्य में गुरूवंदन कार्यक्रम का आयोजन महात्मा बुद्ध परिसर में किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मंत्रोचारण के साथ किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव की अनुपस्थिति में ओएसडी (प्रशासन) डॉ. सच्चिदानंद सिंह ने स्नेह सम्मान ग्रहण किया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं पूर्व कुलपति प्रो.आनंद प्रकाश का स्वागत अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया गया ।
वहीं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. आर्तत्राण पाल को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ और स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।
स्वागत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आर्तत्राण पाल ने कहा कि यह दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जो शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं । उन्होंने कहा गुरु हमे अंधकार से प्रकाश की ओर तरफ ले जाते है आज कल गुरु परंपरा का पालन नही हो रहा है हमे इसका पालन कर इसे आगे बढ़ाना चाहिए ।
मुख्य अतिथि प्रो. आनंद प्रकाश ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक होना ही गर्व की बात है । शिक्षको का परम कर्तव्य है कि सृजनात्मक कार्य में लगे रहे । नई शिक्षा नीति में शिक्षा को सुलभ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के बिना हम शिक्षक की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । पूरे देश के छात्रों को ज्ञान प्राप्त करने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।
सीएसआईसीटी के संकायाध्यक्ष प्रो. रंजीत कुमार चौधरी ने कहा कि मैं अपने आप को एक छात्र ही मानता हूं और एक शिक्षक को भी हमेशा सिखते रहना चाहिए । एक शिक्षक को अपने आप को , परिवार के और विद्यार्थी के करियर के बीच हमेशा संतुलन बनाकर रखना चाहिए। शिक्षक का काम है बच्चों को आगे बढ़ाना ।
बायोटेक के प्रो. बृजेश पांडे ने कहा कि जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
वहीं अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. बिमलेश कुमार सिंह ने काव्य पाठ निर्मित का अरमान है शिक्षक , सचमुच बड़ा महान है शिक्षक कर शिक्षक के महत्व को बताया । उन्होंने कहा कि अर्जुन जैसा शिष्य मिले तो, कृष्ण है हर शिक्षक ।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने कहा कि शिक्षक का हमारे जीवन में सबसे अमूल्य योगदान होता है उनके बिना यह मानव जीवन सार्थक नही है । उन्होंने कहा कि शिक्षक सुधार करते हैं जिससे जिससे विद्यार्थियों के बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण हो सके ।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के ओएसडी प्रशासन डॉ. सच्चिदानंद सिंह, गांधी भवन परिसर निदेशक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, प्रो शिरीष मिश्रा, प्रो. सुनील श्रीवास्तव, प्रो पवनेश कुमार, प्रो. सहाना मजूमदार, प्रो. चतुर्वेदी, प्रो. मुकेश कुमार , डॉ. प्रीति वाजपेयी, डॉ. अंजनी श्रीवास्तव, जनसंपर्क अधिकारी शेफालीका मिश्रा समेत अन्य शिक्षकों ने शिक्षक दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत तान्या बनर्जी ने गणेश वंदना नृत्य से हुई । इसके बाद 'घर मोरे परदेशिया' संगीत पर पूजा , लक्ष्मी, स्मृति ईरानी और वेरोनिका राय ने प्रस्तुति दी वहीं 'कान्हा सो जा जरा' पर तान्या बनर्जी ,प्राची और मुस्कान ने मनमोहक प्रस्तुति दी ।
मंच संचालन प्राची श्रीवास्तव ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी नवीन तिवारी ने किया ।आयोजन में नवीन तिवारी, आशीष कुमार, रविशंकर मिश्रा, आकाश अस्थाना, अंजली चौधरी की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शैक्षिक - गैर शैक्षिक अधिकारी, शिक्षक समेत विभिन्न विभागों के विद्यार्थी व शोधार्थी मौजूद रहें।
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