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महात्मा गांधी केविवि में एक राष्ट्र एक चुनाव पर राष्ट्रीय सेमिनार का समापन


03/10/23
मोतिहारी। 

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक राष्ट्र, एक चुनाव: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की। 
मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कृष्ण कांत ओझा रहें। विशिष्ट अतिथि के तौर पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के डॉ अभिषेक श्रीवास्तव  उपस्थित रहे । साथ ही मुख्य वक्ता के तौर पर दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. राजेश कुमार सिंह रहे । 

मुख्य अतिथि प्रो.कृष्ण कांत ओझा ने कहा कि महात्मा गांधी की कर्म भूमि पर ऐसी सार्थक चर्चा जरूर इस एक राष्ट्र एक चुनाव को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा । उन्होंने कहा कि हर युग में एक पुरुषार्थ पुरुष आता है और राष्ट्र को नई दिशा और दृष्टि देता है। 

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सबल और सशक्त बनाएगा। राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ हम सभी को मिलकर माननीय प्रधानमंत्री जी की इस राष्ट्रनिष्ठ सोच को दिशा देनी है। हमारे विश्वविद्यालय ने इसी महती उद्देश्य से इस सेमिनार की रूपरेखा बनाई और इस अति ज्वलंत मुद्दे पर एक सार्थक राष्ट्रीय विमर्श कर सकें। कुलपति जी ने इसके लिए पूरे वि वि परिवार और खासतौर पर राजनीति विज्ञान विभाग की प्रशंसा की।

कार्यक्रम से विशिष्ट अतिथि प्रो. अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से एक राष्ट्र एक चुनाव के नीति निर्माण में सहायता करेगी । उन्होंने कहा कि भारत ऐसी चुनावी प्रक्रिया को आत्मसात करने वाला को पहला देश नही है इससे पूर्व में भी कई देश इस प्रक्रिया को अपना चुके हैं । यह हमें चुनावों के चक्रव्यूह से निकलने में सहायता तथा इससे चुनावी खर्च भी कम होगा।

विशिष्ट वक्ता प्रो. राजेश कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय राजनीति की दुर्बलताओं को एक राष्ट्र एक चुनाव के माध्यम से खत्म कर सकते हैं । इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई पावर समिति का गठन किया गया है जो इसके संभावनाओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए नीतिनिर्माण करेगी । 

इसके पूर्व आयोजित तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न राज्यों के 215 से अधिक शोधकर्ताओं ने अपने- अपने शोध पत्रों का वाचन किया । 

तकनीकी सत्र में दैनिक जागरण बिहार के संपादक ब्रजेश दुबे ने कहा कि हमे अपने शक्तियों को बढ़ाने के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है। चुनाव सुधारों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव की संख्या बढ़ने से भ्रष्टाचार के मामलों में भी वृद्धि होती है। एक राष्ट्र एक चुनाव से भ्रष्टाचार के मामलों में भी कमी आयेगी तथा चुनाव का खर्च भी कम होगा। आखिर में उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रसार होना जरूरी है। वहीं सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. साकेत रमण ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव देश के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। यह चुनौतीपूर्ण तो होगा लेकिन भारतीय चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में एक राष्ट्र एक चुनाव मील का पत्थर साबित होगा । 

स्वागत उद्बोधन संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. नरेंद्र आर्या ने दिया।अधिष्ठाता प्रो. सुनील महावर ने विषय प्रवर्तन किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता तिवारी ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। डॉ. अभय विक्रम सिंह ने सेमिनार रिपोर्ट प्रस्तुत किया। संगोष्ठी संयोजक डॉ. नरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के पीएचडी शोधार्थी आशुतोष आनंद ने किया।

सेमिनार के अंतिम सत्र में प्रस्तोता शोधार्थियों ने फीडबैक दिया । राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन विवि के राजनीति विज्ञान विभाग ने किया। संगोष्ठी संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह रहें। संरक्षक के रूप में अधिष्ठाता प्रो. सुनील महावर, निदेशक, डॉ. सरिता तिवारी, आयोजन सचिव डॉ. नरेंद्र आर्या समेत विवि के सभी प्राध्यापक, अधिकारी, देश के 10 से ज्यादा राज्यों से आए शोधार्थी व कर्मचारी उपस्थित रहें।

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