वहीं 102 लोगो के लापता होने की आशंका है , जिसमें सेना के 22 जवान शामिल हैं। फ़िलहाल इसकी आधिकारिक तौर पर अभी तक पुष्टि नहीं की गई है। इसी के साथ बादल फटने की इस घटना में जान माल के साथ कई पुल ,घरे और सड़के तबाह हो गई है।
आपको बता दे चुंगथांग नदी के कुछ बांध टूटने की वजह से शहर में भरी जल परवाह शुरू हुआ , जिसके कारन से निचले हिस्से में बाढ़ की स्तिथि काफी भयानक हो गई है। वही इस घटना को देखते हुए सिक्किम सरकार ने इसे आपदा प्रबंधन नियम के तहत आपदा घोसित कर दिया है।
वैज्ञानिकों ने बताया नेपाल का भूकंप है इस्का कारन
हाल ही में नेपाल में आये 6.2 तीव्रता के भूकंप को , सिक्किम में बादल फटने की घटना के पीछे का कारन बतया जा रहा। वैज्ञानिकों को ऐसी असंका है की इस भूकंप के कारन चुंगथांग के ऊपर मौजूद साउथ ल्होनक ग्लेशियल लेक की दीवारें कमजोर होगई, नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया और बादल फटने के बाद पानी का तेज़ बहाव अपने साथ चुंगथांग की बांध ले गई। जिससे बाढ़ की स्थिति बनी है।
पश्चिम बंगाल के तीन जिले भी बाढ़ से प्रभावित
सिक्किम से लगे पश्चिम बंगाल के तीन जिले- जलपाईगुड़ी, कलिमपोन्ग और कूचबिहार में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। मौसम विभाग ने इन इलाको में हाई अलर्ट जारी किया है। वही राज्य के मुख्य सचिव ने बताया की – तीस्ता बैराज से तीन शव भी बरामद किए गए हैं। जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। NDRF की टीम लोगो के राहत बचाव कार्य में लगी है।
हो रही जवानों की तलाश
गुवाहाटी में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि भारतीय सेना के लापता जवानों की तलाश की जारही है। तलाशी मुख्यतः तीस्ता बैराज के निचले इलाकों में केंद्रित है।
वही सिंगताम के पास बुरडांग में घटना स्थल पर सेना के वाहनों को खोदकर निकाला जा रहा है। खोज अभियान में सहायता के लिए टीएमआर (तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू), ट्रैकर कुत्तों, विशेष रॉडार की टीमों के अलावा और कई सारे संसाधन लाए गए हैं।
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