29 जुलाई । निज॰ संवाददाता। पश्चिमी चंपारण
बिहार मे पंचायत चुनावों के दौरान होने वाली धांधली और बाहुबल से बूथ कैप्चर करने जैसी घटनाएं चुनाव प्रक्रिया का एक हिस्सा बन चुकी हैं।
ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और वोटर्स के अधिकारों की रक्षा हेतु चुनाव आयोग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए लेकिन बिहार के कुछ सुदूर क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नही हुआ।
आज हम बात कर रहे हैं पश्चिमी चंपारण, मझौलिया प्रखंड के रूलही पंचायत क्षेत्र ,वार्ड संख्या- 8 की जहाँ पंचायती चुनाव के नियमों के धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
इस उपरोक्त पंचायत के पोलिंग बूथ की दूरी वर्तमान मुखिया एवं मुखिया प्रत्याशीयों के घर से मात्र 20 मीटर की है जबकि आचार संहिता के नियमों के अनुसार इसका स्थानांतरण प्रत्याशियों की आवास से 200 मीटर की दूरी पर होना चाहिए।
पंचायत वासियों का कहना है कि प्रत्येक चुनाव में इस पोलिंग बूथ पर बूथ-कैप्चरींग जैसी घटना होते रहती है। इन घटनाओं से पंचायत-वासी आक्रोश में हैं और उनका कहना है की इन्हीं कारणों से वह अपने मताधिकार का सही प्रयोग नही कर पाते हैं।
पंचायत-वासी प्रसासन से त्वरित कार्यवाही की मांग कर रहे हैं जिससे कि भारतीय संविधान से प्राप्त अपने मताअधिकार का वे सही से प्रयोग कर सकें ।
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