- संचार कौशल व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग-डॉ० सुब्रत रॉय
मोतिहारी।
महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा "जीवन में संचार कौशल की भूमिका" विषय पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित की गई। इस आभासी संवाद कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ० सुब्रत रॉय, वाणिज्य विभाग, ने कहा कि आज के समय में संचार कौशल व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है ।
यदि व्यक्ति संचार कौशल में निपुण नहीं है तो वह अपने विचारों की गुणवत्तापूर्ण अभिव्यक्ति नहीं कर सकता l उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति संचार कौशल की निपुणता को अपने अंदर समाहित नहीं कर सकता, वह इसे सीखकर अपने संप्रेषण को प्रभावी बना सकता हैl
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो० विकास शर्मा, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने अपने विशिष्ट उद्बोधन में कहा कि संप्रेषण दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच मौखिक, लिखित, सांकेतिक या प्रतिकात्मक माध्यम से विचार एवं सूचनाओं के प्रेषण की प्रक्रिया है। संप्रेषण हेतु सन्देश का होना आवश्यक है। संप्रेषण को आज के समय में प्रभावी बनाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि आपके अंदर जितना विश्वास होगा आप उतना ही अच्छा वक्ता होंगे क्योंकि विश्वास बताता है कि आपके पास उस विषय का कितना ज्ञान है ।
आगे उन्होंने अपने उद्बोधन में भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, शेक्सपियर और नेपोलियन का वर्णन किया तथा बताया कि श्री अटल जी अपने प्रखर वक्तव्य से किस प्रकार श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे। साथ ही उन्होंने शेक्सपियर की कहानी हैमलेट का उदाहरण देते हुए संप्रेषण के महत्व को बतलाया । कार्यक्रम में विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो ० त्रिलोचन शर्मा, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो ० शिरीष मिश्रा, डॉ० सुब्रत रॉय, श्री अवनीश कुमार, डॉ० शिवेंद्र सिंह, डॉ० रवीश चंद्र वर्मा, के साथ ही अन्य विश्विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे। विशिष्ट व्याख्यान की आयोजन सचिव विभाग की सहायक आचार्या डॉ० सुमिता सिंकु थी । उक्त आभासी संवाद कार्यक्रम का संचालन विभाग की शोध छात्राओं एवं छात्र क्रमशः म्योररिनिमि कोंगहे, मोनिका पॉल, दिव्या तथा आकाश शर्मा द्वारा किया गया l
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