सुशासन बाबू ने सूबे में विकास इतना ज्यादा कर दिया है, कि बिहार राज देश का सबसे गरीब राज्य बन गया है बिहार की आधी से अधिक आबादी यानी 51.9 % लोग गरीब हैं
सीएम नीतीश कुमार बिहार में विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं पर MPI रिपोर्ट में विकास के बड़े-बड़े दावों की हवा निकाल दी।
बिहार की हालत खराब
रिपोर्ट बताती है कि देश में सबसे ज्यादा कुपोषित लोग अगर कहीं हैं तो बिहार में। उसके बाद झारखंड, एमपी, यूपी और छत्तीसगढ़ का नंबर आता है। गर्भवती महिलाओं की खराब सेहत के मामले में भी बिहार ही टॉप पर। अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं तो वह बिहार है। देश के किसी राज्य में अगर सबसे ज्यादा आबादी खाना पकाने के ईंधन से वंचित है तो वह भी बिहार है। यहां सबसे ज्यादा आबादी बिजली से वंचित है।
शुक्रवार को जब नीतीश कुमार से नीति आयोग की ‘गरीबी सूचकांक’ रिपोर्ट के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो “विकास पुरुष” ने यह कहा आप किस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं? मैंने अभी वह रिपोर्ट नहीं देखी है। गजब अच्छा जवाब दिया सुशासन बाबू ने।
क्या है ये रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
एमपीआई को 12 प्रमुख घटकों का उपयोग करके तैयार किया गया है इसका आकलन पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे संकेतकों के जरिये किया जाता है।
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