-बिहार प्राचीन से ही बौद्धिक संपदा से सम्पन्न प्रदेश- प्रो. के. आर. एस. संबाशिवा
मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजकुमार शुक्ल सभागार में "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के अंतर्गत महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी और मिजोरम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 'बिहार की संस्कृति, सभ्यता, वेश-भूषा, पर्व-त्यौहार, रीति-रिवाज' और 'महात्मा गांधी एवं चम्पारण' विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। बिहार के सांस्कृतिक विरासत और विविधता पर समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं द्वारा चर्चा की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मगांकेविवि के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने की। मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. आर. एस. संबाशिवा राव , कुलपति मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय थे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' जैसे कार्यक्रमों के पीछे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच बहुआयामी है। इस तरह के कार्यक्रम से हम भारत के वैविध्य, गौरवशाली अतीत के बारें में जान और समझ पा रहे हैं। साथ ही यह देश को एकता के सूत्र में पिरोने का भी बड़ा माध्यम हैं।
प्रति कुलपति प्रोफेसर जी. गोपाल रेड्डी ने अपने उद्बोधन में बिहार की विरासत और विविधता पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. आर. एस. संबाशिवा राव , कुलपति मिजोरम विश्वविद्यालय ने बिहार के ऐतिहासिक महत्व की ओर ध्यान खींचते हुए महात्मा बुद्ध, चंद्र गुप्त मौर्य तथा सम्राट अशोक की चर्चा की। उन्होंने विश्व की प्रथम गणतंत्र के बारे में बताते हुए कहा कि वैशाली में पहली बार गणतंत्र की स्थापना हुई थी। बिहार से सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी, बहुत सारे बौद्धिक व्यक्तित्व हर साल निकलते हैं। चंपारण से ही गांधी ने सत्याग्रह का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. असलम खान , एसोसिएट प्रोफेसर गांधी एंड पीस स्टडीज ने महात्मा गांधी और चंपारण से जुड़े विभिन्न आंदोलनों, ऐतिहासिक घटनाओं, गांधी के चंपारण में किसान आंदोलन की शुरुआत, तिनकठिया प्रथा आदि के बारे में विस्तार से बताया। अपने सारगर्भित व्याख्यान में उन्होंने महात्मा गांधी और चम्पारण से जुड़े अनेक प्रसंगों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में विशेष व्याख्याता डॉ. कुंदन किशोर रजक , सहायक प्रोफेसर जूलॉजी विभाग ने अपने वक्तव्य में बिहार के विभिन्न ऐतिहासिक महत्व, सांस्कृतिक महत्व, पर्व, त्यौहार, लोक कला, नृत्य, पहनावा, खानपान, संस्थान, कलाकार, महत्वपूर्ण व्यक्तित्व आदि के बारे में सुंदर ढंग से बताया।
'एक भारत श्रेष्ठ भारत' प्रकोष्ठ और कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर रफीक उल इस्लाम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। दूसरे समन्वयक प्रो. श्रीनिवास पाधि, मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भी शुभकामनाएं प्रेषित की। प्रो. रफीक उल इस्लाम द्वारा दोनों वक्ताओं प्रोफ़ेसर कुंदन किशोर रजक और प्रोफ़ेसर असलम खान को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
' एक भारत श्रेष्ठ भारत' प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ प्रीति बाजपेई , एसोसिएट प्रोफेसर विभाग, जूलॉजी विभाग और डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।
कार्यक्रम में प्रो. अजय कुमार गुप्ता, प्रो. अन्त्रण पाल , प्रो. सुनील महावर , डॉ. अभय विक्रम सिंह और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. जुगुल दधीचि, डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. दिनेश व्यास, डॉ. भव नाथ पाण्डेय सहित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर, शोधार्थी तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।
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