चुनाव जिसे भारत में किसी बड़े पर्व की तरह मनाया जाता है चाय की टपरी से लेकर न्यूज़ रूम के डिबेट पैनल तक हर जगह चुनाव की बातें होती पर ऐसा नहीं लगता कि पंचायत चुनाव जिसे आम नागरिक के हित के लिए बनाया गया है वह कहीं ना कहीं दबा रह जाता है, उसके मायने क्या है वह दबा रह जाता है।
स्थानीय सरकार (local government ) परिभाषित क्षेत्रों में लोगों और व्यवसाय के लिए कई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए जिम्मेदार है जैसे स्कूल, सामाजिक, देखभाल, आवास ..
तो ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि लोग पंचायत चुनाव चुने गए नेता के महत्व, कार्य कुछ समझे नहीं कि इस चुनाव को हल्के में ले क्योंकि यही वह नेता है जो आपके पंचायत के समस्याओं और हर महत्वपूर्ण बात को राज्य सरकार और केंद्र सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
क्या है ग्राम पंचायत
मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सभी को मिलाकर ग्राम पंचायत का गठन होता है।
बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के अनुसार 7000 की जनसंख्या पर जिला डीएम के द्वारा ग्राम पंचायत बनाया जाता है इसमें एक है एक से अधिक गांव शामिल हो सकते हैं
मुखिया जिसे प्रधान भी कहते हैं वह ग्राम सभा के सभी मतदाताओं के मत के आधार पर बनते हैं जिनका कार्यकाल शपथ लेने के दिन से अगले 5 साल तक होता है ।
मुखिया के काम
• ग्राम पंचायत के प्रशासन तथा उसके पूंजी का देखभाल करना
• महीने में कम से कम एक बार ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित करना और 1 साल में कम से कम 4 ग्राम सभा की बैठक आयोजित करना।
• सड़क, भवन, पुल – पुलिया, जलमार्ग, पेयजल व्यवस्था, बाजार, कूड़ा दान की व्यवस्था का निर्माण तथा नियंत्रण करना।
• बाढ़ या बारिश जैसी किसी स्थिति में ग्रामीण की सहायता करना
• केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा किसी बनाए गए किसी भी योजना का पालन करना जैसे कि MANREGA
* प्रभा की कलम से *
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