भारत के दक्षिणी छोर पर बसे कन्याकुमारी में त्रिवेणी संगम से बुधवार 7 सितंबर को भारत जोड़ो आंदोलन की शुरुआत कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई ।
इस पदयात्रा की शुरूआत से पहले आज सुबह राहुल गांधी ने अपने पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के स्मृति स्थल श्रीपेरुंबुदूर में जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, “नफरत और बंटवारे की राजनीति की वजह से ही मैंने अपने पिता को खोया है, लेकिन अब मैं अपने देश को इसकी वजह से नहीं खोऊंगा।” श्रीपेरुंबुदूर ही वह जगह है जहां श्रीलंका के आतंकवादी संगठन लिट्टे के आत्मघाती हमलावरों ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की बम धमाके में हत्या कर दी थी ।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा
3570 km लंबी यह पदयात्रा 12 राज्यों से गुजरेगी जो कन्याकुमारी से शुरू होकर काश्मीर में खत्म होगी।
150 दिनों तक चलने वाले इस यात्रा में राहुल गांधी कंटेनर में सोएंगे और किसी होटल और रेस्टोरेंट का प्रयोग नहीं करेंगे खाना रोड किनारे बनाया जाएगा और वही राहुल और बाकी नेता उनके साथ भोजन करेंगे। पदयात्रा दो बैचों में चलेगी, एक सुबह 7-10:30 बजे से और दूसरी दोपहर 3:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक। जहां सुबह के सत्र में कम संख्या में प्रतिभागी शामिल होंगे, वहीं शाम के सत्र में सामूहिक लामबंदी होगी। औसतन रोजाना लगभग 22-23 किमी चलने की योजना है। इस यात्रा के जरिए वह लोगों के बीच पहुंचने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश करेंगे । राहुल के साथ करीब 300 लोग यात्रा करेंगे ।
महिलाएं भी होंगी सामिल
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं। इस यात्रा की अगुवाई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं जबकि उनके साथ पार्टी के 117 नेता भी यात्रा में शामिल होंगे। कांग्रेस के इन नेताओं में 28 महिलाएं भी हैं। महिलाओं को ठहरने और सोने के लिए अलग से कंटेनर बने हैं। कांग्रेस नेताओं के अलावा सिविल सोसायटी से जुड़े हुए लोग, सुरक्षाकर्मी, पार्टी की कम्युनिकेशन टीम के सदस्य जिनमें फोटोग्राफर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म संभालने वाले लोग और साथ ही मेडिकल टीम के लोग भी यात्रा में शामिल होंगे। इस तरह से सभी को मिलाकर यह संख्या 300 तक हो रही है।
By : Prabha Dwivedi
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