अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी संगठन सीएसओ ने जीडीपी जारी किया है । जिसके अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही ( अप्रैल-जून 2021-22 ) में जीडीपी 13.5% बढ़ी है ।
आइए जानते हैं क्या होती है जीडीपी, इसे कौन तय करता है, क्या होता है इसे मापने का तरीका !
GDP ( Gross domestic product) यानी सकल घरेलू उत्पाद एक वर्ष में किसी देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं ।
जीडीपी उत्पादित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य है। और यह केवल उन वस्तुओं और सेवाओं को प्रतिबिंबित कर सकता है जो विपणन योग्य हैं और जिनके बाज़ार हैं। ज़ाहिर है, जिस कारोबार का बाज़ार नहीं होता, उसे जीडीपी में शामिल नहीं किया जा सकता।
GDP के माध्यम से देश के कुल उत्पाद को मापा जा सकता है जो देश की अर्थव्यवस्था का पता लगाने का एक माध्यम है।
जीडीपी से पता चलता है कि साल भर में देश की अर्थव्यवस्था ने कितना अच्छा या खराब प्रदर्शन किया है जीडीपी में गिरावट यानी देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट और जीडीपी में बढ़ोतरी यानी देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी ।
आमतौर पर जीडीपी की गणना 1 साल के अंतराल में की जाती है।
रिसर्च और रेटिंग्स फ़र्म केयर रेटिंग्स के अर्थशास्त्री सुशांत हेगड़े का कहना है कि जीडीपी ठीक वैसी ही है, जैसे ‘किसी छात्र की मार्कशीट’ होती है।
जिस तरह मार्कशीट से पता चलता है कि छात्र ने सालभर में कैसा प्रदर्शन किया है और किन विषयों में वह मज़बूत या कमज़ोर रहा है। उसी तरह जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है और इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेज़ी या गिरावट आई है ।
जीडीपी की गणना
भारत में सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफ़िस (सीएसओ) (सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय) साल में चार दफ़ा जीडीपी का आकलन करता है. यानी हर तिमाही में जीडीपी का आकलन किया जाता है. हर साल यह सालाना जीडीपी ग्रोथ के आँकड़े जारी करता है.
जीडीपी दो तरह की होती है।
1. नॉमिनल जीडीपी
2. रियल जीडीपी.
नॉमिनल जीडीपी सभी आंकड़ों का मौजूदा कीमतों पर योग होता है, लेकिन रियल जीडीपी में महंगाई के असर को भी समायोजित कर लिया जाता है. और इसी के माध्यम से देश के आर्थिक आर्थव्यवस्था का सही अनुमान लगाया जा सकता है।
जीडीपी के डेटा को आठ सेक्टरों से इकट्ठा किया जाता है।
इनमें कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस सप्लाई, माइनिंग, क्वैरीइंग, वानिकी और मत्स्य, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फ़ाइनेंसिंग, रियल एस्टेट और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज़ और कम्युनिटी, सोशल और सार्वजनिक सेवाएँ शामिल हैं।
GDP निकालने के सूत्र
सकल घरेलू उत्पाद = निजी खपत + सकल निवेश + सरकारी निवेश + सरकारी खर्च + (निर्यात-आयात)
GDP (कुल घरेलू उत्पाद) = उपभोग (Consumption) + कुल निवेश
GDP = C + I + G + (X – M)
By : Prabha Dwivedi
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