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हिंदी की पहचान वैश्विक धरातल पर तेजी से बढ़ रही

निबंध प्रतियोगिता में  संजीत कुमार प्रथम, अंजली चौधरी द्वितीय और अविनाश कुमार को तृतीय स्थान

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय परिसर सम्मेलन कक्ष में राजभाषा प्रकोष्ठ तथा हिंदी साहित्य सभा द्वारा हिंदी पखवाड़ा-2023 के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 
प्रतियोगिता हिंदी पखवाड़ा के मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से आयोजित हुई। राजभाषा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ.अंजनी कुमार श्रीवास्तव और कार्यक्रम संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र की देख-रेख में प्रतियोगिता सम्पन्न हुई।

निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा थे। उन्होंने प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हिंदी को देश के अन्दर और बाहर उचित स्थान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जो शुभ संकेत है।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि निबंध साहित्य की एक प्रमुख विधा है। आज हिंदी की पहचान वैश्विक धरातल पर तेजी से बढ़ रही हैं। देश में आज लगभग आधी से अधिक आबादी हिंदी बोलती, लिखती और समझती हैं। हिंदी की उन्नति राष्ट्र की उन्नति है जिसे महात्मा गाँधी बहुत पहले से जान गए थे। हिंदी पखवाड़ा-2023 के अंतर्गत आयोजित 'वैश्विकरण और हिंदी' विषयक निबंध प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना है। डॉ. मिश्र ने जोर देकर कहा कि हिंदी भाषा की मजबुती में ही राष्ट्र की उन्नति है। उन्होंने हिंदी  को राष्ट्र भाषा बनाये जाने की बात की।
 निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संजीत कुमार (एम. ए. हिंदी), दूसरे स्थान पर अंजलि चौधरी (बीएजेएमसी पंचम सेमेस्टर), तीसरे स्थान पर अविनाश कुमार (एम.ए. हिंदी) विजयी घोषित हुए।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मीडिया अध्ययन विभाग के शोधार्थी अभिजीत सिंह, कार्यक्रम सह- संयोजक बिना चिक बड़ाइक, प्रतीक कुमार ओझा और आयोजन सचिव विकाश कुमार की भूमिका सराहनीय थी। कार्यक्रम में संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र का बुके देकर सम्मान बिना चिक बड़ाइक ने की।कार्यक्रम का सफल संचालन शोधार्थी विकाश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी प्रतीक कुमार ओझा ने की। मीडिया अध्ययन विभाग की छात्रा देबाश्री और आयुषी दास ने कार्यक्रम संयोजन में सहयोग किया। इस निबंध प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के दर्जनों प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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