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महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन


मोतिहारी। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा 'बौद्धिक संपदा अधिकार' विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ब्लेंडेड मोड में पंडित राजकुमार शुक्ल सभागार, चाणक्य परिसर, जिला स्कूल में किया गया। 
कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव के संरक्षक में आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार के विभिन्न आयामों से परिचित कराना था। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि बौद्धिक संपदा के अधिकारों की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए, जिससे इसका दुरुपयोग न हो सकें।

अध्यक्षता प्रो. आनंद प्रकाश, विभागाध्यक्ष, बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने की एवं मुख्य वक्ता सौरभ त्रिवेदी, संस्थापक, आई पी समाधान थे। कार्यक्रम के संयोजक सीएस एंड आईसीटी के डीन एवं पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. रंजीत चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया। 

अध्यक्षीय उद्बोघन में प्रो. आनन्द प्रकाश ने कहा कि आज बौद्धिक संपदा की चोरी और हनन का मामला खूब देखने को मिलता है। लोगों को बौद्धिक सम्पदा अधिकार के प्रति जागरूक करके एवं इस दिशा में कड़ें नियम लागू करके बौद्धिक संपदा का संरक्षण किया जा सकता हैं।

बतौर मुख्य वक्ता सौरभ त्रिवेदी ने कहा कि दुनिया के अधिकांश देश सदियों से अनेक प्रकार के कानून बनाकर बौद्धिक संपदा के अधिकार का संरक्षण करने का प्रयास करते रहे है। लेकिन बौद्धिक संपदा की  चोरी के अनेक उपाय भी इसी समाज में विकसित हुए है। तकनीक का भी गलत प्रयोग इस दिशा में चिंतनीय है। उन्होंने भारत में लागू अनेक प्रकार के बौद्धिक सम्पदा अधिकार अधिनियम की चर्चा की।  ट्रेडमार्क, पेटेंट आदि ट्रेड सीक्रेट संविदा कानून के विविध पहलुओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम संयोजक प्रो. रंजीत चौधरी ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार की जानकारी हम सभी को होनी चाहिए। हालांकि इसके समक्ष अनेक चुनौती है जो बौद्धिक संपदा कानून की जानकारी होने से इस दिशा में सफल हो सकते है। 
मुख्य वक्ता का परिचय सहायक प्रोफेसर डॉ. मधु पटेल एवं संचालन डॉ. अभिलाषा प्रियदर्शिनी ने की। कार्यक्रम में शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की।

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