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America में भारतीयों पर लगातार बढ़ते हमले



America में भारतीयों के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराध हाल के वर्षों में चिंता का गंभीर विषय बन गए हैं। शिक्षा, रोज़गार और व्यापार के अवसरों के चलते बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी समाज का हिस्सा बने हैं लेकिन इनके साथ-साथ नफरत के अपराध, हमले और भेदभाव की घटनाएँ भी बढ़ रही हैं।


भारतीय प्रवासियों पर हमले

अमेरिका में भारतीयों के खिलाफ़ अपराध अक्सर नस्लीय भेदभाव और पहचान को लेकर होते हैं। कई बार इन्हें बाहरी या प्रतिस्पर्धी मानकर नुकसान पहुँचाया जाता है। शारीरिक हमले, लूटपाट और गोलीबारी की घटनाएँ भारतीय समुदाय की सुरक्षा को सवालों के घेरे में खड़ा करती हैं। कुछ मामलों में सिर्फ इसलिए अपराध हुआ कि व्यक्ति भारतीय पहचान से जुड़ा हुआ था चाहे वह हिंदू, सिख या किसी अन्य समुदाय का हो।


नफ़रत पर आधारित अपराध

अमेरिकी समाज में प्रवासियों की बढ़ती संख्या से कुछ समूहों में असुरक्षा और असंतोष की भावना पनपती है। इसका सीधा असर भारतीयों समेत अन्य एशियाई समुदायों पर पड़ता है। नस्लीय गालियाँ, कार्यस्थल पर भेदभाव और सार्वजनिक स्थानों पर दुर्व्यवहार इन अपराधों के सामान्य रूप बन गए हैं। Covid-19 महामारी के समय एशियाई मूल के लोगों पर हमलों में और भी तेज़ी आई थी।


भारतीय समुदाय की चिंता

भारतीय आबादी अमेरिका में IT, स्वास्थ्य सेवा और कारोबार जैसे अनेक क्षेत्रों में योगदान दे रही है। इसके बावजूद जब हिंसा और शत्रुभाव की घटनाएँ बढ़ती हैं तो न केवल प्रवासी भारतीय बल्कि उनके परिवार भी असुरक्षा महसूस करते हैं। कई भारतीय अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं कि कहीं स्कूल या कॉलेज में उन्हें नस्लीय हमलों का सामना न करना पड़े।


सरकारों और संगठनों की भूमिका

भारत सरकार ने इन बढ़ते अपराधों को लेकर बार-बार अमेरिकी अधिकारियों के साथ मुद्दा उठाया है। दूतावास और वाणिज्य दूतावास पीड़ित परिवारों को कानूनी मदद और सहयोग प्रदान करते हैं। वहीं अमेरिका के अंदर भी कई गैर-लाभकारी संगठन भारतीयों और अन्य एशियाई लोगों की सुरक्षा तथा अधिकारों की वकालत कर रहे हैं।


समाधान की दिशा

जागरूकता और शिक्षा अभियानों से अमेरिकी समाज में विविधता और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा दिया जा सकता है। अपराधियों के खिलाफ़ कठोर कार्रवाई और त्वरित न्याय व्यवस्था से पीड़ितों में भरोसा मजबूत होगा। भारतीय समुदाय को भी एकजुट होकर स्थानीय प्रशासन से संवाद और सहयोग बनाए रखना होगा।

भारत-अमेरिका संबंध वैश्विक स्तर पर अहम स्थान रखते हैं, ऐसे में वहां के भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना दोनों देशों की साझा ज़िम्मेदारी है। जब तक प्रवासी भारतीय सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में जीवन यापन नहीं करेंगे तब तक उनका असली योगदान पूरी तरह सामने नहीं आ पाएगा।

अमेरिका में भारतीयों के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों का चित्रण हाल के वर्षों की घटनाओं और आँकड़ों से और अधिक स्पष्ट हो जाता है। ये घटनाएँ न केवल व्यक्तिगत नुकसान की कहानी बयाँ करती हैं, बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय की सामूहिक असुरक्षा को भी उजागर करती हैं।  


हाल की कुछ घटनाएँ  

- कंसास (2017): एक भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर ने उसे विदेशी समझते हुए हमला किया था।  

- शिकागो (2023): 23 वर्षीय भारतीय छात्र पृथ्वी अंधावर को अज्ञात कारणों से हमलावरों ने मार दिया। पुलिस ने इसे नस्लीय पृष्ठभूमि से जुड़ी संभावना भी माना।  

- सैन होजे (2024): एक भारतीय परिवार पर लूट और हिंसक हमला हुआ, जिसमें परिवार के दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए।  

- न्यूयॉर्क (2025 की शुरुआत): एक भारतीय आईटी पेशेवर पर मेट्रो स्टेशन पर अचानक हमला किया गया, जिसे ‘नफ़रत आधारित अपराध’ के रूप में दर्ज किया गया।  


बढ़ते अपराधों के आँकड़े  

- अमेरिकी FBI के अनुसार संयुक्त राज्य में नफ़रत अपराध (Hate Crimes) की दर में पिछले दशक में लगभग 50% की वृद्धि हुई।  

- एशियाई-अमेरिकी समुदाय (जिसमें भारतीय भी शामिल हैं) पर हमले 2020 के बाद से लगातार तेज़ी से बढ़े, खासतौर पर कोविड-19 महामारी के दौरान।  

- 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में दर्ज नफ़रत अपराधों में से लगभग 7-10% एशियाई समुदाय से जुड़े थे।  

- कई संगठनों के अनुसार, असंख्य मामले रिपोर्ट ही नहीं होते, क्योंकि पीड़ित लोग कानूनी प्रक्रिया या प्रतिशोध के डर से आगे नहीं आते।  


भारतीय समुदाय पर प्रभाव  

ऐसी घटनाओं से भारतीय परिवारों में भय और चिंता गहराने लगी है। जहाँ एक ओर युवा रोजगार और शिक्षा के लिए अमेरिका जाते हैं वहीं परिवारजन लगातार उनके सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। कई भारतीय छात्र अब विश्वविद्यालय चयन करते समय शहर की सुरक्षा को ध्यान में रखने लगे हैं।  


सामूहिक प्रयासों की ज़रूरत  

भारत सरकार ने Washington और Newyork में अपने दूतावासों को इस दिशा में अधिक सक्रिय किया है ताकि पीड़ितों और उनके परिवारों को सहायता मिल सके। वहीं अमेरिकी सरकार भी Hate Crime Reporting को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने पर काम कर रही है।  

भारतीयों के खिलाफ बढ़ते अपराध सिर्फ़ सांख्यिकीय चिंता नहीं हैं, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत-अमेरिका संबंधों और प्रवासी भारतीयों के योगदान को प्रभावित करने वाला गंभीर सामाजिक मुद्दा बन चुका है।  

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