भारत में त्योहारी सीजन का मतलब है उत्साह, खुशी और ढेर सारी खरीदारी। हर साल ई-कॉमर्स दिग्गज जैसे Flipkart और Amazon अपने मेगा सेल्स जैसे ‘Big Billion Days’ और ‘Great Indian Festival’ के साथ ग्राहकों को लुभाने के लिए तैयार रहते हैं। ये सेल्स भारी छूट, फ्लैश सेल्स और आकर्षक ऑफर्स के साथ आते हैं जो ग्राहकों को खरीदारी के लिए मजबूर करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सेल्स हमें उन चीजों को खरीदने के लिए क्यों और कैसे मजबूर करते हैं, जिनकी हमें वास्तव में जरूरत नहीं होती?
1. छूट का जादू और तात्कालिकता का दबाव
E-commerce प्लेटफॉर्म्स छूट को इस तरह पेश करते हैं कि ग्राहकों को लगता है कि वे एक सुनहरा अवसर खो रहे हैं। “70% तक की छूट”, “सीमित समय के लिए ऑफर” या “फ्लैश सेल” जैसे शब्द तात्कालिकता (urgency) और कमी (scarcity) का एहसास कराते हैं। यह मनोवैज्ञानिक दबाव ग्राहकों को बिना ज्यादा सोचे-समझे खरीदारी करने के लिए प्रेरित करता है। उदाहरण के लिए, एक स्मार्टफोन जो सामान्य दिनों में 20,000 रुपये का है, सेल में 15,000 रुपये में दिखाया जाता है। भले ही आपको नए फोन की जरूरत न हो, छूट का लालच आपको खरीदने के लिए मजबूर कर देता है।
2. FOMO (Fear of Missing Out) का प्रभाव
‘फियर ऑफ मिसिंग आउट’ यानी FOMO एक ऐसी भावना है जो इन सेल्स का आधार है। जब आपको पता चलता है कि “यह ऑफर केवल आज रात तक है” या “स्टॉक खत्म होने वाला है” तो आप जल्दबाजी में खरीदारी कर लेते हैं। कंपनियां इस डर को भुनाने के लिए सोशल मीडिया, नोटिफिकेशन्स और ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करती हैं। विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि हर कोई खरीद रहा है और अगर आप नहीं खरीदेंगे तो आप पीछे रह जाएंगे। इस तरह बिना जरूरत की चीजें भी आपकी शॉपिंग कार्ट में शामिल हो जाती हैं।
3. आकर्षक मार्केटिंग और व्यक्तिगत ऑफर्स
आजकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स आपके खरीदारी के इतिहास, सर्च पैटर्न और पसंद-नापसंद को ट्रैक करते हैं। इसके आधार पर वे आपको व्यक्तिगत ऑफर्स दिखाते हैं जैसे “आपके लिए खास डील” या “यह प्रोडक्ट आपके लिए परफेक्ट है”। यह रणनीति आपको यह विश्वास दिलाती है कि यह ऑफर सिर्फ आपके लिए बनाया गया है। उदाहरण के लिए, अगर आपने हाल ही में हेडफोन्स सर्च किए हैं तो सेल में आपको हेडफोन्स पर विशेष छूट दिखाई जाएगी भले ही आपका पुराना हेडफोन अभी भी काम कर रहा हो।
4. Buy Now, Pay Later और Easy EMI
‘Buy Now, Pay Later’ या Easy EMI विकल्प ग्राहकों को महंगी चीजें खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ये सुविधाएं खरीदारी को इतना आसान बना देती हैं कि लोग अपने बजट से बाहर जाकर भी खरीदारी कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो नया लैपटॉप खरीदने की योजना नहीं बना रहा था, EMI के लालच में उसे खरीद लेता है भले ही उसका पुराना लैपटॉप ठीक काम कर रहा हो। यह रणनीति ग्राहकों को यह सोचने से रोकती है कि क्या उन्हें उस प्रोडक्ट की वास्तव में जरूरत है।
5. सोशल प्रेशर और स्टेटस का प्रभाव
त्योहारी सेल्स को अक्सर सामाजिक प्रतिष्ठा और स्टेटस से जोड़ा जाता है। नए गैजेट्स, ब्रांडेड कपड़े या घरेलू सामान खरीदना एक स्टेटस सिंबल बन जाता है। विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि ये प्रोडक्ट्स आपको आधुनिक और स्टाइलिश बनाएंगे। इससे लोग ऐसी चीजें खरीद लेते हैं, जो उनकी जीवनशैली के लिए जरूरी नहीं होतीं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति नया स्मार्ट टीवी सिर्फ इसलिए खरीद लेता है क्योंकि पड़ोसी ने भी ऐसा ही किया है।
6. बंडल ऑफर्स और कॉम्बो डील्स
कंपनियां अक्सर बंडल ऑफर्स या कॉम्बो डील्स पेश करती हैं जैसे “एक प्रोडक्ट खरीदें, दूसरा मुफ्त पाएं”। ये ऑफर्स ग्राहकों को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि वे पैसों की बचत कर रहे हैं जबकि वास्तव में वे अनावश्यक चीजें खरीद रहे होते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक जोड़ी जूते खरीदने के लिए सेल में जाते हैं लेकिन कॉम्बो ऑफर के कारण आप दो जोड़ी खरीद लेते हैं जिनमें से एक की आपको जरूरत नहीं थी।
7. त्योहारी उत्साह का फायदा
भारत में त्योहारों का समय भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण होता है। लोग इस दौरान अपने परिवार और दोस्तों के लिए उपहार खरीदना चाहते हैं। ई-कॉमर्स कंपनियां इस भावना का फायदा उठाती हैं और उपहारों पर विशेष ऑफर्स पेश करती हैं। इससे लोग जरूरत से ज्यादा उपहार खरीद लेते हैं जो कई बार उपयोगी नहीं होते।
अनावश्यक खरीदारी से बचने के उपाय
1. जरूरतों की सूची बनाएं: सेल में जाने से पहले उन चीजों की लिस्ट बनाएं, जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है। इससे आप अनावश्यक खरीदारी से बच सकते हैं।
2. बजट तय करें: खरीदारी के लिए एक निश्चित बजट बनाएं और उसका पालन करें।
3. ऑफर्स की जांच करें: कई बार छूट केवल दिखावटी होती है। प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत और छूट की तुलना करें।
4. FOMO से बचें: यह समझें कि सेल्स बार-बार आते हैं। अगर आप अभी नहीं खरीदते, तो भी आपको भविष्य में मौका मिलेगा।
5. विज्ञापनों से प्रभावित न हों: मार्केटिंग रणनीतियों को समझें और सोच-समझकर निर्णय लें।
ये सेल्स मनोवैज्ञानिक रणनीतियों, आकर्षक ऑफर्स और त्योहारी उत्साह का फायदा उठाकर ग्राहकों को लुभाते हैं। हालांकि अगर हम सचेत रहें और अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें तो हम अनावश्यक खरीदारी से बच सकते हैं और अपने पैसे का सही उपयोग कर सकते हैं। इस त्योहारी सीजन में स्मार्ट खरीदारी करें और केवल वही खरीदें जो वास्तव में हमारे लिए जरूरी है।
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